The smart Trick of Shodashi That Nobody is Discussing

Wiki Article



In Yet another depiction of hers, she is shown as being a sixteen-yr-previous young and sweet girl decorated with jewels having a stunning shimmer along with a crescent moon adorned in excess of her head. She's sitting around the corpses of Shiva, Vishnu, and Brahma.

नवयौवनशोभाढ्यां वन्दे त्रिपुरसुन्दरीम् ॥९॥

आर्त-त्राण-परायणैररि-कुल-प्रध्वंसिभिः संवृतं

प्राण प्रतिष्ठा में शीशा टूटना – क्या चमत्कार है ? शास्त्र क्या कहता है ?

Upon going for walks in the direction of her ancient sanctum and approaching Shodashi as Kamakshi Devi, her electricity will increase in intensity. Her templed is entered by descending down a darkish narrow staircase that has a crowd of other pilgrims into her cave-llike abode. There are many uneven and irregular methods. The subterranean vault is sizzling and humid and but There's a feeling of protection and and safety inside the dim light.

प्रणमामि महादेवीं परमानन्दरूपिणीम् ॥८॥

यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला more info व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।

She is depicted using a golden hue, embodying the radiance on the mounting sun, and is commonly portrayed with a 3rd eye, indicating her knowledge and Perception.

श्रीचक्रवरसाम्राज्ञी श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरी ।

॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥

यह देवी अत्यंत सुन्दर रूप वाली सोलह वर्षीय युवती के रूप में विद्यमान हैं। जो तीनों लोकों (स्वर्ग, पाताल तथा पृथ्वी) में सर्वाधिक सुन्दर, मनोहर, चिर यौवन वाली हैं। जो आज भी यौवनावस्था धारण किये हुए है, तथा सोलह कला से पूर्ण सम्पन्न है। सोलह अंक जोकि पूर्णतः का प्रतीक है। सोलह की संख्या में प्रत्येक तत्व पूर्ण माना जाता हैं।

संक्रान्ति — प्रति मास जब सूर्य एक संक्रान्ति से दूसरी संक्रान्ति में परिवर्तित होता है, वह मुहूर्त श्रेष्ठ है।

ब्रह्माण्डादिकटाहान्तं तां वन्दे सिद्धमातृकाम् ॥५॥

स्थेमानं प्रापयन्ती निजगुणविभवैः सर्वथा व्याप्य विश्वम् ।

Report this wiki page